नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को यानी आज जंतर-मंतर पर किसानों की महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) होगी। इसमें बड़ी संख्या में किसानों के आने की संभावना है। महापंचायत में भाग लेने के लिए किसान शनिवार से ही दिल्ली पहुंच रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है। बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी है। मीडिया खबरों के मुताबिक किसान दिल्ली में प्रवेश ना कर सकें इसलिए जांच के लिए सुरक्षाबलों के साथ स्थानीय पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई है।
दिल्ली के ट्रैफिक पर धरना-प्रदर्शन का ज्यादा असर ना पड़े जिसे लेकर ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर किसान की महापंचायत दोबारा धरना प्रदर्शन के लिए क्यों अमादा हैं और उनकी मांगें क्या हैं। दरअसल, नए कृषि कानून के मद्देनजर आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार से 05 बिंदुओं पर सहमति बनी थी, जिसमें से सरकार ने एक भी बिंदु को पूरा नहीं किया है। इसी को लेकर किसान सड़क पर उतरने लिए मजबूर हैं।
ये हैं किसानों की मांगें
महापंचायत करने वाले किसानों की कई मांगें हैं। जिसमें लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ, जेलों में बंद किसानों की रिहाई और नरसंहार के मुख्य दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की मांग शामिल है। अलावा इसके स्वामीनाथन आयोग के C2 प्लस 50 फीसदी के मुताबिक एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) गारंटी का कानून, सभी किसानों को कर्ज से आजादी मिले, बिजली बिल 2022 कैंसिल करने, गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए, तुरंत गन्ने की बकाया राशि का भुगतान हो, किसान आंदोलन के दौरान दर्ज सभी केस वापस लिए जाएं और सरकार अग्निपथ योजना वापस ली जाए सहित अन्य मांगों को लेकर महापंचायत का आह्वान किया गया है।
पुलिस हिरासत में राकेश टिकैत
किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए जा रहे भारतीय किसान यूनियन (भाकियू ) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को दिल्ली पुलिस ने रविवार को हिरासत में ले लिया। हालांकि दो घंटे बाद ही उन्हें छोड़ दिया गया था। टिकैत की गिरफ्तारी से नाराज भाकियू कार्यकर्ताओं ने संभाल के बहजोई थाने में प्रदर्शन किया। किसानों ने गिरफ्तारी देने का भी प्रयास किया। जब राकेश टिकैत को छोड़ दिया गया तो किसानों ने ज्ञापन देकर आंदोलन को समाप्त किया।