नई दिल्ली: विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता हैं। यह एक वैश्विक अभियान हैं, जिसकी मदद से लोगों को यह बताया जाता हैं कि हार्ट संबंधी बीमारियों से कैसे बचा जा सकता हैं। हर साल इस दिन को एक स्पेशल थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता हैं। यहां जानिए इस साल की थीम, इस दिन का इतिहास और आखिर क्यों जरूरी हैं ये दिन।
विश्व हृदय दिवस- 2022 का इतिहास
इस अंतर्राष्ट्रीय दिन की शुरुआत वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (WHF) और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के सहयोग से हुई थी । WHF के पूर्व अध्यक्ष एंटोनी बेयस डी लूना इस विचार के साथ सामने आए थे। वैसे, ये दिन सितंबर में अंतिम रविवार के रूप में चिह्नित किया गया था। हालांकि, इसकी शुरुआत 24 सितंबर, 2000 को हुई थी। बाद में इसे 29 सितंबर के दिन सेलिब्रेट करने का तय किया गया था।
15 से 40 वर्ष तक के मरीज भी पहुंच रहे
पहले 15 से 40 वर्ष के लोग हृदय रोगी नहीं होते थे। अब अत्यधिक गुस्सा, तनाव, तंबाकू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट के सेवन से इस आयु वर्ग में हृदयाघात की बीमारी हो रही हैं। मरीज लगातार सामने आ रहे हैं। इसके अलावा दिल की बीमारी जन्मजात भी होती हैं। पांच से छह वर्ष की उम्र में पता लग जाता हैं। दिल में छेद आदि समस्याएं होती हैं। उम्र बढ़ने के साथ समस्या बढ़ती जाती हैं।
40 के बाद जांच कराते रहना जरूरी
विशेषज्ञों के मुताबिक 40 वर्ष की उम्र होने के बाद व्यक्ति को दो वर्ष में एक बार ईसीजी, शुगर, कंपलीट ब्लड काउंट (सीबीसी) की जांच कराते रहना चाहिए। रिपोर्ट चिकित्सक को जरूर दिखाएं। रक्तचाप व शुगर की समस्या शुरूआत में पता लग जाए तो इसे एक या दो दवा से नियंत्रित किया जा सकता हैं।
शुरुआती स्तर पर ध्यान न देने पर यह हृदयाघात की वजह बनते हैं। लोग व्यायाम नहीं करते। व्यायाम, खेलकूद व अन्य शारीरिक गतिविधि दिल को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी हैं। व्यायाम करने वालों को स्टेरॉयड के सेवन से बचना चाहिए। यह हड्डियों को कमजोर करने के साथ दिल की नसों को भी कमजोर करता हैं।
दिल को दुरुस्त रखने के लिए ये करें
खानपान का ध्यान रखें। नमक, तेल व चिकनाई वाली चीजें कम खाएं।
प्रतिदिन व्यायाम और योग करें।
तनाव कम लें, संगीत सुनें, दोस्तों व परिवार के साथ समय बिताएं।
सभी प्रकार के नशे से दूरी बनाएं।