नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) से इस्तीफा देने की इच्छा जताई हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि विपक्ष की तरफ से उन्हें राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया जा सकता हैं। एक सोशल मीडिया पोस्ट कर उन्होंने कहा, ‘ममता जी ने TMC में मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाई, उसके लिए मैं उनका आभारी हूं। अब समय आ गया हैं कि मैं एक बड़े उद्देश्य के लिए पार्टी से अलग हो जाऊं ताकि विपक्ष को एकजुट करने के लिए काम कर सकूं। मुझे उम्मीद हैं कि ममता जी मेरे इस कदम को स्वीकार करेंगी।’
यशवंत सिन्हा ने भारत के वित्त और विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया हैं। वह फिलहाल तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने 2018 में भाजपा छोड़ दी थी। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी नेताओं के साथ बातचीत कर रही हैं।
पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी द्वारा पद के लिए नामित होने से इनकार करने के एक दिन बाद विपक्षी नेता राष्ट्रपति चुनाव के बारे में चर्चा करने के लिए मंगलवार को शरद पवार के आवास पर बैठक कर रहे हैं। इससे पहले, पवार और नेशनल कांफ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने प्रस्तावों को ठुकरा दिया था।
विपक्ष के तीन संभावित उम्मीदवारों ने किया इनकार:
राष्ट्रपति पद के लिए तीन संभावित उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने से इनकार करने के साथ विपक्षी दलों के नेता 18 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार का नाम तय करने को लेकर मंगलवार दोपहर दिल्ली में फिर से बैठक करेंगे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के इनकार के बाद सोमवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने भी आगामी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।
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शरद पवार करेंगे बैठक की अध्यक्षता:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ गठजोड़ को और मजबूत करने की उम्मीद के बीच पवार मंगलवार को 17 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कोलकाता में कहा कि कुछ विपक्षी दलों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार बनाने का सुझाव दिया हैं।