दिल्ली: दिल्ली को प्रदूषित हवा से निजात नहीं मिलती नजर आ रही हैं। राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को भी धुंध छाई रही जिससे कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर श्रेणी’ में पहुंच गई। दिल्ली के धीरपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 594 ‘गंभीर’ श्रेणी में जबकि नोएडा (यूपी) में यह (Air Quality Index, AQI) 444 ‘गंभीर श्रेणी’ में दर्ज किया गया। गुरुग्राम (हरियाणा) में भी हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पाई गई जहां एक्यूआई 391 यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
क्या कहते हैं आंकड़ें
दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार को सुबह 385 यानी बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। दिल्ली में सोमवार को हवा का गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 392 यानी बहुत खराब श्रेणी में रहा। यह रविवार को 352 था। राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर बिगड़ने की वजह से केंद्र की वायु गुणवत्ता समिति ने प्राधिकारियों को दिल्ली एनसीआर में निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाने का निर्देश दिया हैं। केवल आवश्यक परियोजनाओं को ही छूट दी जाएगी।
दिल्ली के 17 इलाकों की हवा गंभीर श्रेणी में
मालूम हो कि दिल्ली के लोग पिछले पांच दिनों से भीषण प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। सोमवार को राजधानी दिल्ली के 17 इलाकों की हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई। इस दौरान हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा मानकों से लगभग तीन गुना तक ज्यादा बनी हुई हैं। वायु गुणवत्ता विशेषज्ञ इसके लिए पराजी जलाने की घटनाओं को भी जिम्मेदार मान रहे हैं। हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के कारण फेफड़े, सांस, दमा एवं दिल के मरीजों, बच्चों एवं बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती हैं।
केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच तनातनी
इस बीच प्रदूषण के मसले पर केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव जारी हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान की फाइल एक बार फिर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को मंजूरी के लिए भेजी हैं। दिल्ली सरकार के मंत्री का कहना हैं कि फाइल में इस बात के सबूत हैं कि अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई मुल्कों में ऐसे अभियानों से प्रदूषण पर काबू पाने में मदद मिली हैं। सनद रहे दिल्ली के एलजी ने सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए इस फाइल को लौटा दी थी।