बीजापुर: छतीसगढ़ Chhattisgarh के बस्तर में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ Encounter पर फिर सवाल उठा हैं। एक महीने पहले बैलाडीला की पहाड़ी के पीछे बीजापुर जिले के एक गांव में हुई मुठभेड़ को ग्रामीणों ने फर्जी बताया। आरोप हैं कि जवानों ने पहले नदी किनारे पार्टी की, फिर अलग-अलग जगह खड़े होकर गांव में कुल 5 रॉकेट लॉन्चर दागे। जिनमें 3 रॉकेट लॉन्चर मौके पर ही फट गए और 2 जिंदा हैं। गांव वालों ने दोनों को सबूत के तौर पर अपने पास रखा हैं। इधर, बस्तर IG सुंदरराज पी ने ग्रामीणों के इन आरोपों को गलत बताया हैं। उन्होंने इसके पीछे नक्सलियों की साजिश होने की बात कही हैं।
हम संभागीय मुख्यालय जगदलपुर से लगभग 220 किमी दूर बीजापुर जिले के पुसनार गांव पहुंचे। गंगालूर तक पक्की सड़क थी, लेकिन इसके आगे कई किमी तक कच्ची सड़क से होकर गुजरना पड़ा। इस गांव तक पहुंचने के लिए सफर आसान नहीं था। नक्सलियों ने जगह-जगह से कच्ची सड़क को काट दिया था। इसी वजह से घनघोर जंगल के रास्ते पतली पगडंडी का सफर तय किया। बाइक से पहले बुरजी गांव पहुंचे। यहां से एक ग्रामीण युवक हमें रास्ता दिखाने हमारे साथ चला। जंगल के रास्ते से गुजरते हुए हम पुसनार गांव पहुंचे। इसी गांव में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी।
नदी किनारे लेकर गए ग्रामीण, बोले- फोर्स ने यहीं पार्टी की:
जब हम गांव पहुंचे तो यहां के वड्डेपारा में मौजूद ग्रामीणों ने हमें मुठभेड़ के बारे में बताया। फिर करीब 3 किमी दूर हमें पैदल गोंडेपारा लेकर गए। एक ग्रामीण ने बताया कि जवान कांवड़गांव की तरफ से आए थे। उसके घर से जवानों ने बर्तन लिया था। फिर नदी किनारे जाकर पार्टी की। ग्रामीण हमें स्पॉट दिखाने नदी किनारे भी लेकर गए।
ग्रामीणों का कहना हैं कि गांव में नक्सली नहीं थे। जिस बर्तन को बाद में फोर्स ने नक्सलियों का कहकर मीडिया में वायरल करवाया था, वह ग्रामीणों का था। उसी बर्तन में जवानों ने खुद के लिए खाना बनाया था। ग्रामीणों ने बताया कि खाना खाने के बाद जवान वड्डेपारा की तरफ गए थे।
आरोप- एक खुली जगह खड़े होकर 5 रॉकेट लॉन्चर दागे:
ग्रामीणों का आरोप हैं कि पार्टी के बाद जवान गोंडेपारा और वड्डेपारा के बीच एक खुली जगह में खड़े हुए और वहीं से उन्होंने पुसनार गांव के वड्डेपारा में अलग-अलग दिशाओं में कुल 5 रॉकेट लॉन्चर दागे। जिस समय रॉकेट लॉन्चर दागे गए उस समय गांव के कुछ लोग हैंडपंप से पानी भर रहे थे, तो कई महुआ बीन रहे थे। जब बम की आवाज सुनाई दी तो सभी दौड़कर अपने-अपने घर के अंदर चले गए।
ग्रामीणों का कहना हैं कि गांव में कोई नक्सली मौजूद नहीं था। दो ग्रामीणों ने बताया कि उनके घर के सामने स्थित महुआ के पेड़ के पास एक रॉकेट लॉन्चर गिरकर फट गया था। जिसके छींटे पेड़ पर पड़े। जिससे पेड़ में जगह-जगह छेद हो गए हैं। ग्रामीणों ने पेड़ पर पड़े निशान को भी दिखाया।
सबूत के तौर पर रखे हैं रॉकेट लॉन्चर:
इस मुठभेड़ को एक महीना हो चुका हैं, लेकिन, 2 जिंदा रॉकेट लॉन्चर को अब भी ग्रामीण अपने पास रखे हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि 2 रॉकेट लॉन्चर जो नहीं फटे हैं उसे वे अपने पास सबूत के तौर पर रखे हुए हैं। हालांकि, ग्रामीणों ने हमें एक ही रॉकेट लॉन्चर दिखाया था। उनका कहना हैं कि जब तक इस मामले की जांच नहीं हो जाती तब तक वे रॉकेट लॉन्चर अपने पास ही रखे रहेंगे। इसे वे किस घर में या फिर गांव में किस जगह पर रखते हैं इसकी जानकारी ग्रामीणों ने हमें नहीं दी।
सोनी सोढ़ी बोलीं- मामला कोर्ट तक लेकर जाएंगे:
मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी भी सामने आई हैं। सोनी सोढ़ी भी पुसनार गांव पहुंचीं। उन्होंने इलाके के ग्रामीणों से बातचीत की। सोनी सोढ़ी ने दैनिक भास्कर को बताया कि वे अब इस मामले को लेकर कोर्ट तक जाएंगी।
बस्तर IG बोले- नक्सलियों की हैं साजिश:
बस्तर IG सुंदरराज पी ने कहा कि फोर्स को बदनाम करने के लिए यह नक्सलियों की बड़ी साजिश हैं। पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। जवानों ने ग्रामीणों पर किसी तरह का फायर नहीं किया था। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने अपने पास जो भी रॉकेट लॉन्चर रखे हैं, उससे कहीं अब कोई नुकसान न हो जाए इसलिए उसे सुरक्षा की दृष्टि से वे पुलिस को दे दें। जिसे डिस्ट्रॉय किया जा सके। इसके लिए गांव के सरपंच को नोटिस भी दिया गया था, लेकिन उन्होंने रॉकेट लॉन्चर को मंत्री जी को सौंपने की बात कही हैं।
5 मार्च को हुई थी Encounter:
दरअसल, बैलाडीला की पहाड़ी के पीछे दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले की सीमा पर भारी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पुलिस को मिली थी। जिसके बाद दंतेवाडा और बीजापुर जिले की पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि यहां नक्सलियों के साथ जवानों की जबरदस्त मुठभेड़ हुई थी। नक्सलियों ने जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। जवाबी कार्रवाई में नक्सली भाग खड़े हुए थे। नक्सलियों के कैंप को ध्वस्त किया गया था। यहां नक्सली खाना बना रहे थे। मौके से बर्तन, नक्सल साहित्य, UBGL सेल समेत अन्य सामान बरामद किए गए थे।