कोरोना के बाद खतरे की नई घंटी: वैज्ञानिकों ने समुद्र में ढूंढे 5,500 नए वायरस

Corona viruses

जहां पूरी दुनिया पिछले दो साल से कोरोना Corona वायरस viruses से जूझ रही हैं, वहीं अब वैज्ञानिकों ने समुद्र में 5,500 नए वायरस खोज निकाले हैं। अमेरिका की ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का कहना हैं कि कोरोना की तरह ये भी RNA वायरस हैं। चिंता वाली बात ये हैं कि खोजे गए वायरस भारत के अरब सागर और हिंद महासागर के उत्तर पश्चिमी इलाकों में भी मौजूद हैं।

दुनिया के सारे समुद्रों पर हुई स्टडी:

इस स्टडी को हाल ही में साइंस जर्नल में प्रकाशित किया गया हैं। वायरस ढूंढने के लिए वैज्ञानिकों ने दुनिया के सभी समुद्रों के 121 इलाकों से पानी के 35 हजार सैंपल्स लिए। जांच में उन्हें लगभग 5,500 नए RNA वायरस का पता चला। ये 5 मौजूदा प्रजातियों और 5 नई प्रजातियों के थे।

रिसर्चर मैथ्यू सुलिवान का कहना हैं कि सैंपल्स के हिसाब से नए वायरस की संख्या काफी कम हैं। हो सकता हैं कि भविष्य में लाखों की संख्या में वायरस मिलें।

Corona viruses

नए viruses से होने वाली बीमारियों की जांच होगी

वैज्ञानिकों का कहना हैं कि ये रिसर्च खास RNA वायरस को लेकर हुई है क्योंकि DNA वायरस के मुकाबले वैज्ञानिकों ने इन पर स्टडी कम की हैं। सुलिवान के मुताबिक, आज हमें केवल उन्हीं RNA वायरस के बारे में पता हैं, जिन्होंने दुनिया को मौत के खतरे में डाला हैं। इनमें कोरोना, इंफ्लुएंजा और इबोला वायरस शामिल हैं। इसलिए भविष्य में नई बीमारियों से बचने के लिए हमें पहले से तैयार रहना जरूरी हैं।

टाराविरिकोटा नाम की वायरस प्रजाति हर समुद्र में मौजूद:

रिसर्च में टाराविरिकोटा, पोमीविरिकोटा, पैराजेनोविरिकोटा, वामोविरिकोटा और आर्कटिविरिकोटा नाम की 5 नई वायरस प्रजातियां पाई गई हैं। इनमें से टाराविरिकोटा प्रजाति दुनिया के हर समुद्र में मिली हैं। वहीं आर्कटिविरिकोटा प्रजाति के वायरस आर्कटिक सागर में पाए गए।

सुलिवान के अनुसार इकोलॉजी के हिसाब से देखा जाए तो ये खोज बेहद जरूरी हैं। यह स्टडी समुद्री क्लाइमेट चेंज की जांच करने वाले तारा ओशियंस कंसोर्टियम नाम के ग्लोबल प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं।

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सभी वायरस में मिला बेहद पुराना जीन:

स्टडी में सभी RNA वायरस में RdRp नाम का प्राचीन जीन मिला हैं। माना जा रहा हैं कि यह जीन अरबों साल पुराना हैं। तब से लेकर अब तक ये कई बार इवॉल्व हो चुका हैं। RdRp की उत्पत्ति कैसे हुई, वायरस में इसका क्या काम हैं, इंसानों के लिए ये कितना खतरनाक हैं, इन सभी सवालों का जवाब देने में वैज्ञानिकों को काफी समय लगेगा।

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