Finance Minister सीतारमण का 5वां बजट, जानें क्या नया है इस बार के बजट में

Finance Minister Sitharaman's 5th budget

नई दिल्लीः आज 01 फरवरी है। देश के बजट का दिन। वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे लोकसभा में अपना पांचवां और देश का 75वां बजट पेश किया। सीतारमण बुधवार सुबह 8:30 बजे वित्त मंत्रालय पहुंचीं। इसके बाद राष्ट्रपति भवन गईं। द्रौपदी मुर्मु से बजट का अप्रूवल लिया। अब इस पर कैबिनेट फाइनल मुहर लगाएगी।

वित्त राज्य मंत्री भागवत कृष्णा सुबह-सुबह पूजा-पाठ के बाद पॉजिटिव संकेत दे चुके हैं। कहा- बजट सबकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा। शेयर मार्केट खुला तो सेंसेक्स में 400 अंक की तेजी दिखी, उम्मीदें यहां भी दिखीं।

वैसे भी निर्मला सीतारमण पिछले 04 बजट में कुछ न कुछ नया करती आई हैं। चाहे वो ब्रीफकेस से बही-खाता हो, पेपर लेस बजट हो या फिर सबसे लंबा बजट भाषण। इस बार का पता नहीं। कुछ खास हो सकता हैं। वजह तीन हैं..

इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं।

अगले साल लोकसभा चुनाव हैं, तो उससे पहले ये आखिरी फुल बजट हैं।

सरकार के पास देश को बताने और जताने का बड़ा इंस्ट्रूमेंट होता हैं बजट।

फिर भी पढ़ते चलते हैं उम्मीदों वाली बात…

इनकम टैक्स:

8 साल हुए, तब से कुछ नहीं बदला। तो इस बार टैक्स में छूट का दायरा बढ़ सकता हैं। बात आखिर 8 करोड़ से ज्यादा टैक्स पेयर्स की हैं।

2014 में छूट की सीमा ढाई लाख की गई थी। इसे 5 लाख किया जा सकता हैं। छूट बढ़ी तो लोअर इनकम क्लास को राहत मिलेगी। बाजार में भी चंद पैसे आएंगे। इकोनॉमी को सपोर्ट मिल सकता हैं।

महंगाई

गैस सिलेंडर 1100 रुपए का हो चुका हैं। कुछ जाने-माने लोग कह रहे हैं कि इनकी कीमतें कम करने का इंतजाम हो सकता हैं। उज्ज्वला योजना 9.58 करोड़ लोगों के पास हैं। इन्हें एक सिलेंडर पर 200 रुपए की सब्सिडी पिछले साल मई से दी जा रही हैं। इसे एक साल और बढ़ाया जा सकता हैं।

रोजगार और एजुकेशन लोन

बेरोजगारी पर कुछ बड़ा कहा जा सकता है। छोटे और मझोले उद्योगों के लिए ऐलान किए जा सकते हैं। मनरेगा को मिलने वाला पैसा भी इस साल बढ़ाए जाने की उम्मीद है। इन्फ्रास्ट्रक्चर का बजट बढ़ाने से भी रोजगार पैदा होंगे।

आत्म निर्भर भारत योजना (ABRY) के तहत 50.85 लाख नौकरियां पिछले साल दी जानी थी। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, टारगेट से 28% ज्यादा यानी 70 लाख नौकरियां दी गईं। इस पर फोकस बढ़ा तो इस साल नतीजे बेहतर हो सकते हैं। एजुकेशन लोन के सस्ते होने की फिलहाल कोई उम्मीद नहीं हैं।

स्मार्ट फोन होंगे सस्ते

मोबाइल फोन बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले आइटम्स पर इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट ड्यूटी घटी तो अप्रैल के बाद मोबाइल खरीदना सस्ता हो सकता हैं। मार्केट की भी यही डिमांड हैं।

मार्केट तो यह भी मांग कर रहा हैं कि मोबाइल पर GST 18% से घटाकर 12% कर दी जाए, क्योंकि जब इसे 18% किया गया था तो 10 हजार वाले मोबाइल की कीमत 11 हजार 800 तक पहुंच गई थी। सरकार भी डिमांड मान सकती हैं।

पिछले साल ईयरफोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम पर कस्टम ड्यूटी बढ़ी तो ये प्रोडक्ट्स महंगे हो गए। इस पर रियायत के आसार कम हैं, क्योंकि सरकार चाहती हैं कि ऐसे प्रोजेक्ट की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग मजबूत हो।

हेल्थ सेक्टर पर सरकार है गंभीर

एक्सपर्ट का कहना हैं कि कोविड के बाद बीमा, वैक्सीन, टेक्नोलॉजी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट को ज्यादा मजबूत करना ही होगा। ऐसे में सरकार हेल्थ बजट में 20-30% की बढ़ोतरी कर सकती हैं। पिछले साल स्वास्थ्य मंत्रालय को 86 हजार 200 करोड़ दिए गए थे।

इस बार हेल्थ इंश्योरेंस का दायरा बढ़ाने के लिए इसे किफायती बनाया जा सकता हैं। इसके लिए इंश्योरेंस पर लगने वाली GST को 18% से घटाकर 5% किया जा सकता हैं।

कृषि

इस बार एग्रीकल्चर सेक्टर को 02 लाख करोड़ रुपए मिल सकते हैं। पिछली बार 1.32 लाख करोड़ का बजट था। नेचुरल फार्मिंग के लिए किसानों को इंसेंटिव के साथ ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए संगठन बनाने का ऐलान हो सकता हैं। पीएम किसान योजना की सम्मान निधि में भी बढ़ोतरी का ऐलान हो सकता हैं।

डिफेंस

सरकार की प्राथमिकता मेक इन इंडिया हथियार और टेक्नोलॉजी हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि रक्षा बजट बढ़ना तय हैं, क्योंकि सीमा पर चीन से तनाव जारी हैं। इस साल बजट में 10% बढ़ोतरी हो सकती हैं। पिछले साल 5.25 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे।

रेलवे

कोरोना काल के दौरान सीनियर सिटीजन को रेल किराये में छूट बंद हो गई थी। इस बार भी ये छूट नहीं दी जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पहले ही साफ कर चुके हैं कि इससे बोझ बढ़ेगा।

रेल बजट बढ़ाया जा सकता हैं, क्योंकि दिल्ली-मेरठ रैपिड ट्रेन, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन, पूर्वोत्तर को बाकी राज्यों से जोड़ने वाला बइरबी-साईरंग प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूरा करने का टारगेट हैं। अगले 02 साल में 400 वंदेभारत ट्रेनें चलाई जानी हैं, जो राजधानी और शताब्दी की जगह लेंगी। इनके लिए 1800 करोड़ रुपए दिए जा सकते है।

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