यूपी चुनाव LIVE: झांसी में नामांकन रद्द होने पर टॉवर पर चढ़ा युवक, फार्म अधूरा होने पर किया गया रिजेक्ट

Jhansi tower

उत्तर प्रदेश: झांसी Jhansi में नामांकन पत्र रद होने पर एक युवक शुक्रवार सुबह मोबाइल टावर tower पर चढ़ गया। उसने सदर सीट से एक फरवरी को नामांकन किया था। दो फरवरी को आरओ ने फार्म पूरा भरा न होने का हवाला देते हुए नामांकन रद कर दिया था।

अब उसकी मांग हैं कि नामांकन पत्र को दुरुस्त कर उसे चुनाव लड़ने की स्वीकृति दी जाए। सीपरी बाजार थाना प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर दुबे पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। युवक नीचे नहीं उतर रहा हैं। करीब दो घंटे से युवक टावर पर चढ़ा हैं।

निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया था:

शहर की पहुंच नदी के पास गोविंदपुरी कॉलोनी निवासी पवन यादव (35) पुत्र जयसिंह यादव पहले निजी कंपनी में जॉब करते थे। मां सरस्वती ने बताया कि 5 साल से बेटे पवन को नेतागिरी का शौक हो गया। नौकरी छोड़कर वह नेताओं के साथ रहने लगा। 1 फरवरी को पवन ने झांसी सदर सीट से निर्दलीय नामांकन किया था। 2 फरवरी को नामांकन रद हो गया था।

पुलिस ने समझाया, मां से भी समझवाया:

Jhansi tower

पवन का कहना हैं कि तीन फरवरी को वह अपनी बात रखने के लिए आरओ के पास जा रहा था। इलाइट चौराहे पर खड़ी पुलिस ने उसे जाने नहीं दिया। इसके बाद शुक्रवार को वह अपनी कॉलोनी के एक मोबाइल टावर पर चढ़ गया।

मौके पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक ने पवन को समझाने की कोशिश की। वह डीएम को मौके पर बुलाने की मांग करता रहा। बाद में प्रभारी निरीक्षक ने पुलिस को घर भेजकर मां सरस्वती को बुलवाया। मां ने भी पवन को नीचे उतरने के लिए बोला। वह नीचे नहीं उतरा। इसके बाद मां मौके से घर चली गई। बोली वह बचपन से ही जिद्दी हैं।

सोशल मीडिया पर डाली पोस्ट:

मोबाइल टावर चढ़ने से पहले पवन ने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा पोस्ट की। बहन ने पोस्ट पढ़कर मां को कॉल करके जानकारी दी। तब वह मौके पर पहुंची तो पवन टावर पर चढ़ा था। परिजनों ने पवन को टावर से नीचे उतरने के लिए काफी कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना। पवन के 11 साल की बेटी व 7 साल का बेटा हैं। पिता रेलवे से रिटायर हैं और बड़ा भाई अगल रहता हैं।

चुनाव की अन्य खबरें:

कैबिनेट मंत्री पर कथित हमले में केस, PSO ने ब्लेड व सल्फास की गोलियां लेकर आए युवक पर 307 में कराई रिपोर्ट

Jhansi tower

नामांकन के लिए जा रहे योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह पर हमले के एक कथित मामले में उनके पर्सनल सिक्योरिटी अफसर (PSO) ने धूमनगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई हैं। कभी सिद्धार्थ नाथ सिंह के करीबी रहे उन्हीं के कार्यकर्ता हिमांशु दुबे पर जानलेवा हमले की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई हैं। गुरुवार को एक जनसभा के दौरान हिमांशु दुबे मंच पर सिद्धार्थ नाथ सिंह के पास मंच तक पहुंच गया था। उसके हाथ में सर्जिकल ब्लेड और सल्फास की गोलियां थीं।

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सिद्धार्थनाथ सिंह के पास आता-जाता रहा हैं हिमांशु:

कैबिनेट मिनिस्टर के पीएसओ संतोष कुमार कुशवाहा ने जो तहरीर दी हैं उसके मुताबिक सिद्धार्थ नाथ सिंह जनसभा से नामांकन के लिए निकल रहे थे।-‘तभी हिमांशु दुबे वहां पहुंच गया, वह पहले सिद्धार्थनाथ सिंह के पास आता जाता था। अचानक से हिमांशु ने अचानक सल्फास का पैकेट फाड़ दिया और चिल्लाने लगा। दूसरे हाथ से एक छोटा सा सर्जिकल ब्लेड निकालकर हमला कर दिया।

इससे पहले कि वह सिद्धार्थ नाथ सिंह को घायल कर पाता मैंने व सभासद अखिलेश ने उसे पकड़ लिया। इसमें अखिलेश सिंह के हाथ में चोट भी आई हैं। उसके पास से सल्फास का पाउडर और सर्जिकल ब्लेड बरामद किया गया हैं’।

हिमांशु दुबे को तत्काल गिरफ्तार कर पुलिस के हवाले कर दिया गया हैं। विपक्षी पार्टियां इस घटना को चुनाव में सहानुभूति बटोरने के एक तरीके के रूप में देख रही हैं।

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