भारत में महिलाओं के प्रति अधिकतर लोगों की सोच पुरुष प्रधान वाली रही हैं। पिृत सत्ता वाली सोच लंबे समय तक परिवार और समाज पर हावी रही हैं लेकिन अब चीजें बदल रही हैं। आज Women शहरों में ही नहीं गांवों में भी अपने तरीके से जीवन को व्यतीत करने की कोशिश करती हैं। आजकल ये भी देखा गया हैं कि महिलाएं बढ़ती उम्र के साथ अकेले रहना पसंद करने लगती हैं। किसी के साथ के बिना जीवन बिताना आसान नहीं होता, लेकिन अब महिलाएं इस भाव को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने लगी हैं। ये जरूरी नहीं हैं कि जिंदगी बिताने के लिए किसी के साथ जबरदस्ती रिश्ते में खुद को बांध लिया जाए।
एक वक्त ऐसा आता हैं, जब अच्छे नेचर वाले पार्टनर में भी कमी नजर आने लगती हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दर्शाती हैं कि क्यों महिलाएं एक समय पर अकेले रहना पसंद करने लगती हैं।
फ्रीडम का ख्याल
भारत में अधिकतर परिवारों में लोगों की महिलाओं के प्रति सोच रही हैं कि उन्हें घर में रहकर बस काम देखने हैं। सीधे तौर पर कहें, तो ये एक तरह से आजादी का हनन तक हो सकता हैं। ये भी होता हैं कि महिलाएं बाहर काम करती हैं, तो उन्हें घरेलू कामों से राहत नहीं मिल पाती हैं। आजाद फील नहीं होने के चलते वे नेगेटिव रहती हैं और और एक समय पर फ्रीडम का ख्याल आने लगता हैं।
बैड एक्सपीरियंस
बढ़ती उम्र में अकेले रहने का ख्याल अगर मन में आने लगे, तो इसके पीछे एक कारण बैड एक्सपीरियंस यानी खराब अनुभव भी हो सकता हैं। कई बार महिलाओं को रिश्ते में ऐसे हालातों से गुजरना पड़ता हैं कि वे इमोशनली काफी तंग हो जाती हैं और इसे अपने जीवन का खराब अनुभव मानने लगती हैं। रिश्ते के पुराने होने या बढ़ती उम्र में आकर ऐसा फील होने लगता हैं।
रिलेशन में धोखा का सामना
रिश्ते में धोखा मिलने के बाद उसे बरकरार रखने का कोई मतलब नहीं होता हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा इमोशनल होती हैं और अगर उन्हें अपने साथ वे धोखा महसूस भी करती हैं, तो उनका मन अकेले रहने तक का बन सकता हैं। इतना ही नहीं ब्रेकअप के बाद महिलाएं जल्दी से दोबारा रिश्ते में आना पसंद नहीं करती हैं और वह अकेले रहने का फैसला चुनती हैं।