जस्टिस यूयू ललित होंगे देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश

Justice UU Lalit appoint as new Chief Justice of india

नई दिल्ली: जस्टिस यूयू ललित देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उनके नाम की सिफारिश अपने उत्तराधिकारी के तौर पर की हैं। Justice UU Lalit भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। इसी महीने एनवी रमना रिटायर हो रहे हैं, उसके बाद यूयू ललित सुप्रीम कोर्ट के मुखिया के तौर पर कामकाज संभालेंगे। वरिष्ठता क्रम के अनुसार जस्टिस यूयू ललित ही मुख्य न्यायधीश बनने के दावेदार थे। जस्टिस यूयू ललित देश के सामाजिक व्यवस्था पर बड़ा असर डालने वाले तीन तलाक जैसे अहम फैसले देने वाली बेंच का हिस्सा रहे हैं।

जस्टिस ललित देश के ऐसे दूसरे सीजेआई होंगे, जो बार काउंसिल से आकर जज बने और फिर चीफ जस्टिस बनने का मौका मिला। इससे पहले मार्च 1964 में ऐसा हुआ था, तब जस्टिस एस.एम सीकरी को बार काउंसिल से निकलकर जज बनने का मौका मिला था और फिर वह सीजेआई भी बने थे। जस्टिस एस.एम. सीकरी जनवरी, 1971 को देश के मुख्य न्यायाधीश बने थे।

तीन तलाक के अलावा इन अहम फैसलों का भी रहे हैं हिस्सा

जस्टिस एनवी रमना 26 अगस्त यानी आज अपने पद से रिटायर हो जाएंगे। उसके अगले ही दिन जस्टिस यूयू ललित पदभार संभालेंगे। जस्टिस ललित देश के नामी वकीलों में से एक रहे हैं और उन्हें 13 अगस्त, 2014 को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्ति मिली थी। तब से अब तक वह सुप्रीम कोर्ट के कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं। केरल के पद्मनाभ स्वामी मंदिर के रखरखाव से जुड़े मामले में भी उन्होंने फैसला सुनाया था। यही नहीं पॉक्सो ऐक्ट को लेकर भी अहम फैसला सुनाने वाली बेंच के भी जस्टिस यूयू ललित सदस्य थे। इस फैसले में कहा गयाा था कि यदि कोई गलत मंशा से बच्चे के प्राइवेट पार्ट्स को छूता हैं तो फिर उसे भी पॉक्सो ऐक्ट के सेक्शन 7 के तहत यौन उत्पीड़न माना जाएगा।

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तीन महीने से भी कम का होगा कार्यकाल, नवंबर में रिटायरमेंट

इस फैसले के तहत सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने कहा था कि यदि स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट नहीं होता हैं तो फिर उसे यौन उत्पीड़न नहीं माना जाएगा। 09 नवंबर, 1957 को जन्मे जस्टिस यूयू ललित ने जून 1983 में एडवोकेट के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। वह 1985 तक बॉम्बे हाई कोर्ट के वकील थे। इसके बाद वग 1986 में दिल्ली आए थे और अप्रैल 2004 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट के तौर पर प्रैक्टिस की शुरुआत की थी। 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में उन्हें विशेष सरकारी अधिवक्ता के तौर पर सीबीआई का पक्ष रखने का मौका मिला था। जस्टिस यूयू ललित का चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यकाल काफी छोटा होगा और वह 8 नवंबर, 2022 को रिटायर हो जाएंगे।

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