नई दिल्ली: जहांगीरपुरी में दिल्ली नगर निमग के अवैध निर्माण पर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई हैं। ऑपरेशन बुलडोजर Operation Bulldozer के खिलाफ लगाई याचिका की पैरवी कर रहे सीनियर वकील दुष्यंत दवे ने कोर्ट से कहा कि दिल्ली 731 अवैध कॉलोनिया हैं और समुदाय विशेष को निशाना बनाने के लिए केवल एक को चुना गया हैं। दवे ने कहा कि पुलिस का इस्तेमाल किया जा रहा हैं।
बिना नोटिस दिए कार्रवाई की गई। अदालत ने इस मामले पर दो हफ्ते बाद सुनवाई का फैसला किया हैं। कहा कि जहांगीरपुरी में यथास्थिति का आदेश जारी रहेगा यानी वहां कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में वकीलों की दलीलें और अदालत के सवाल:
दुष्यंत दवे: आपने 9 बजे कार्रवाई शुरू कर दी। ये जानते हुए भी कि हम इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाएंगे। यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश के बावजूद कार्रवाई जारी रही। आपने घर तबाह कर दिए। आपको जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए? वो गरीब लोग थे। दक्षिण दिल्ली की किसी भी कॉलोनी को ले लीजिए, इनमें गोल्फ लिंक भी हैं। हर दूसरा घर अवैध हैं। आप उन्हें गिराना नहीं चाहते।
दुष्यंत दवे: आप लोगों को बिना नोटिस नहीं हटा सकेत हैं। ये जंगल का कानून हैं और हम इसी के खिलाफ हैं। अगर आप अवैध निर्माण के खिलाफ एक्शन लेना चाहते हैं। तो आप सैनिक फार्म में जाइए, गोल्फ लिंक जाइए। आप उन्हें छूना नहीं चाहते हैं और गरीबों को निशाना बना रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष ने एक खत मेयर को लिख दिया और बिना नोटिस दिए लोगों पर कार्रवाई कर दी गई।
कपिल सिब्बल: आप अतिक्रमण को किसी एक कम्युनिटी से नहीं जोड़ सकते हैं। ये किसी एक समुदाय तक सीमित नहीं हैं। आप केवल यह कहकर घर नहीं ढहा सकते हैं कि ये अतिक्रमण हैं। इस तरह से नहीं, बुलडोजर के जरिए नहीं। हम इस पर रोक चाहते हैं।
जस्टिस राव: अवैध निर्माण बुलडोजर से ही तोड़ा जाता हैं। हम पूरे देश में अतिक्रमण पर कार्रवाई पर रोक नहीं लगा सकते।
जहांगीरपुरी से जुड़ी ताजा अपडेट्स:
कांग्रेस पार्टी के 15 सदस्यीय डेलीगेशन अजय माकन के नेतृत्व में आज जहांगीरपुरी का दौरा करेंगे।
तृणमूल पार्टी 22 अप्रैल को एक फाइंडिंग टीम जहांगीरपुरी भेज सकती हैं। इस टीम में सांसद काकोली घोष दस्तीदार सहित अन्य नेता शामिल रहेंगे।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कोर्ट ने याचिका दाखिल की:
बुधवार को दिल्ली नगर निगम (MCD) ने जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई शुरू की थी। लेकिन कार्रवाई शुरू होने के एक घंटे के भीतर ही सुप्रीम कोर्ट ने इस ऑपरेशन पर रोक लगा दी। दरअसल, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने MCD की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की थीं।
कोर्ट से अपील की- बुलडोजर चलाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने का आदेश दें:
इनमें से पहली याचिका में बिना नोटिस के बुलडोजर चलाकर स्थानीय लोगों को उनके बुनियादी नागरिक अधिकार से वंचित करने की बात कही गई थी। वहीं, दूसरी अर्जी में देश के कई राज्यों में किसी भी आरोप के लिए अचानक बुलडोजर चलाने की सरकारी प्रवृत्ति पर रोक लगाने का आदेश देने की अपील की गई थी।
Bulldozer पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया ब्रेक:
सुप्रीम कोर्ट जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया। कोर्ट ने MCD की कार्रवाई के दौरान नोटिस जारी कर कहा कि कल सुनवाई तक जहांगीरपुरी में यथास्थिति बरकरार रखी जाए। वहीं सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के करीब 2 घंटे बाद अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई पूरी तरह से रोकी गई। उधर, दिल्ली के मौजूदा हालात को लेकर दिल्ली BJP के नेता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले।
जहांगीरपुर पहुंचे ओवैसी, बोले- MCD की कार्रवाई गलत:
बुधवार शाम को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जहांगीरपुरी का दौरा किया। उन्होंने कहा कि बिना नोटिस दिए MCD का कार्रवाई करना गलत हैं। ओवैसी ने पुलिस पर आरोप लगाया कि मुझे वहां नहीं जाने दिया गया जहां कार्रवाई की गई हैं। कार्रवाई ने लोगों का रोजगार खत्म कर दिया।
जहांगीरपुरी हिंसा के सबसे बड़े अपडेट्स:
जहांगीरपुरी हिंसा के आरोपियों को आज फिर दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में पेशी की गई। कोर्ट ने अंसार, सलीम, दिलशाद और गुल्ली की पुलिस कस्टडी 3 दिन तक बढ़ा दी हैं।
नॉर्थ MCD के मेयर ने अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को सही ठहराया हैं। उन्होंने कहा कि जो भी एक्शन लिया जा रहा हैं, वो नियमों के मुताबिक हैं। सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाया जा रहा हैं।
जमात-ए-इस्लामी हिंद (JIH) के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को जहांगीरपुरी हिंसा के बाद मुस्लिम समुदाय से मुलाकात की। JIH ने हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस की ढ़िलाई को वजह बताया हैं।
जहांगीपुरी हिंसा के 5 आरोपी अंसार, सलीम, इमाम शेख उर्फ सोनू, दिलशाद और अहीर पर दिल्ली पुलिस ने नेशनल सिक्युरिटी एक्ट (NSA) लगाया हैं।